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राधास्वामी के कोई गुरु नहीं था
Published on Feb 2, 2020
शिव दयाल जी महाराज के जीवन चरित्र जीवनी में पृष्ठ 79 पर लिखा है कि शिवदयाल जी(उर्फ राधास्वामी) चरण छुआते थे और वर्तमान राधा-स्वामी कहते हैं कि चरण छुआने वाला गुरु नहीं होता इसका मतलब शिवदयाल जी सही गुरु नहीं थे गुरुवा गाम बिगाडे सन्तो, गुरुवा गाम बिगाडे। ऐसे कर्म जीव के ला दिए, इब झडे नहीं झाडे पुस्तक जीवन चरित्र स्वामी जी महाराज के पृष्ठ 27 में [...] Read more
शास्त्र विरुद्ध नाम और भक्ति के कारण राधा स्वामी के प्रवर्तक शिवदयालसिंह जी भूत बने
Published on Feb 2, 2020
कबीर साहेब चारों युगों में आते हैं, सतगुरु पुरुष कबीर है चारों युग परवान, झूठे गुरुवा मर गए हो गए भूत मसान। शास्त्र विरुद्ध नाम और भक्ति के कारण राधा स्वामी के प्रवर्तक शिवदयालसिंह जी भूत बने राधास्वामी के मुखिया (परवर्तक) शिवदयालसिंह की मुक्ति नहीं हुई तो अन्य शिष्यों का क्या हाल होगा मृत्यु उपरान्त वे अपनी शिष्य बुक्की मे प्रेत की तरह प्रवेश कर [...] Read more
राधास्वामी पंथ वाले लोगों को गुमराह कर रहे हैं और इन्हें वेदों का कुछ भी ज्ञान नहीं है
Published on Feb 2, 2020
संत का काम होता है कुरीतियों को खत्म करना भांग तमाखू मांस न खाना शराब न पीना, जबकि राधा स्वामी पंथ वाले कहते हैं की सख्त जरूरत पड़ने पर शराब मांस का सेवन कर सकते हैं। और शिवदयाल जी तो खुद ही हुक्का पीते थे क्या ये संत के लक्षण हो सकते हैं? कबीर साहेब कहते हैं भांग तमाखू छूतरा आफू और सराब कहे कबीर कैसे करे बंदगी ये तो करे खराब राधास्वामी पंथ बालों [...] Read more
कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, राधास्वामी पंथ जोड़ा
Published on Feb 2, 2020
राधास्वामी पंथ के प्रवर्तक श्री शिवदयाल जी माने जाते हैं। इन्हें ही 'राधास्वामी' कहा जाता है, क्योंकि 'राधा' श्री शिवदयाल जी की पत्नी को कहा जाता था( प्रमाण: "उपदेश राधास्वामी" प्रकाशक- एस. एल. सोंधी सेक्रेटरी राधास्वामी सत्संग, ब्यास, जिला अमृतसर(पंजाब) के पृष्ठ 30-31 पर)। इस पंथ की भक्ति मर्यादा शुरू में ही भंग हो चुकी थी, क्योंकि श्री शिवदयाल [...] Read more
शिवदयाल जी शास्त्रविरूद्ध साधना करते थे, उन्हें शास्त्रों का ज्ञान नहीं था
Published on Feb 2, 2020
श्री शिव दयाल सिंह जी (1861 - 1878) राधास्वामी मत की शिक्षाओं को प्रारंभ करने वाले पहले गुरु थे। लेकिन इन्होने कोई गुरु धारण नहीं किआ था। जबकि शास्त्रों में साफ वर्णित है की बिना सतगुरु बनाये किसी की भक्ति सफल नहीं हो सकती। कबीर जी की वाणी है "कबीर, गुरू बिन ज्ञान ना उपजै, गुरू बिन मिले ना मोक्ष। गुरू बिन लखै न सत्य को, गुरु बिन मिटे न दोष।।" [...] Read more
Full Knowledge about Radha Soami Satsang
Published on Aug 28, 2018
What naams do the Radha Soami Gurus give? What Knowledge ddi the Radha Soami Gurus held? How much does the knowledge of Radha Soami sect correlates with our Holy Scriptures? Did the Radha Soami Gurus have any knowledge about the Supreme God? Are the paanch naams that are given in Radha Soami sect of any benefit? See the Analysis in the video below [...] Read more
Radha Soami Paanch Naams are Wrong
Published on Aug 23, 2018
Radha Soami Gurus give Five Names or Paanch Naams during initiation which are as follows. Omkaar, Rarankar, Jyoti Niranjan, Sohang, Satnaam. These five naams are actually arbitrary and hence useless. Kabir Sahib has given a description of these five naams of Kaal in His shabad called "Santo Shabadai Shabad Bakhana". Kabir Sahib has clearly [...] Read more
Kar Naino Didar Mahal Mein Pyara Hai - Shabd by Kabir Ji
Published on Aug 23, 2018
A beautiful description of one Brahmand by Sahib Kabir Ji. The shabad by Kabir Sahib gives an indepth description of the lotuses / chakras (kamals) in a human body and the respective deity. The final lines of the shabad are the gist of it where it says that God Kaal has copied it from Satlok and made false loks in his own lok. Radha Soami Gurus [...] Read more